कृषि विभाग ने किया गांव चाबा का दौरा

कृषि विभाग ने किया गांव चाबा का दौरा

कृषि विभाग ने किया गांव चाबा का दौरा कीटनाशक व वायरस से ग्रस्त फसल के बारे दिये सुझाव। गुहला -चीका/गुरदेव जोसन/दैनिक अमृत धारा/8अगस्त/ बाबू लाल, उप कृषि निदेशक, कैथल कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कैथल, डॉ. महा सिंह, सीनियर कोडिनेटर, कृषि विज्ञान केन्द्र, कैथल, डा० कंचन कुमारी, उपमंडल कृषि अधिकारी, चीका द्वारा धान में बौने पौधो की समस्या को देखते हुए गाँव चाबा, दाबा के किसानों के खेतों का भ्रमण किया।

डा. महा सिहं ने किसानों इस वायरस से ग्रसित पौधों की पहचान और फैलाने वाले वैक्टर सफेद पीठ वाला तेला ( हॉपर) को नियंत्रण करने के बारे में किसानों को जानकारी दी। उन्होंने किसानों को बताया कि वे इस कीट के नियंत्रण के लिए निम्नलिखित कीटनाशकों का उपयोग करें। 

किसान भाई डायनोटीफ्यूरान 20% एस.जी. (ओशीन या टोकन) 80 ग्राम प्रति एकड या पाईमेट्रोजिन 50% डब्लू जी (चेस) 120 ग्राम प्रति एकड को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करे। आवश्यकता होने पर पुनः एक या दो बार किटनाशी का छिड़काव करें, विशेषकर यदि होपर्स की संख्या अधिक है। इसके आलावा इन्होंने किसानों को एन० पी० के० या जिंक- यूरिया का स्प्रे करने को कहा ताकि पौधो में खुराक भी भरपाई होती रहे।

डा, बाबू लाल, डी०डी०ए कैथल ने किसानों को अस्वस्त किया कि वे धर्य बनाये रखे और कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे इस गाँव की तरह अन्य गाँव में भी इस प्रकार की समस्या है तो वे पूरी जानकारी के साथ रिपोर्ट करें ताकि उच्च आधिकारियों को इस समस्था के बारे में अवगत करवाया जा सके। उन्होंने किसानों को कहा कि वे सिफारिश के ज्यादा खाद या कीटनाशको का प्रयोग न करें

डा. कंचन कुमारी, एस०डी०ए० ओ चीका ने किसानो से निवेदन किया की वे कृषि विभाग के अधिकारियो/ कर्मचारियों को इस वायरस (बौने पौधो की समस्या) के कारण खराब हुए धान की सही जानकारी उपलब्ध करवाने में सहयोग करे ताकि सही रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जा सके। उन्होंने किसानो को बताया कि इसके लिए गाँव स्तर पर टीमें बना दी है जो किसानों से मिलकर उनके खेतों का निरक्षण कर रही है और इस रोग बारे जानकारी उपलब्ध करवा रही है।

किसानों ने बताया की रोग के लक्षण धान की मोटी किस्म PR-114 में सबसे ज्यादा दिखाई दे रहे है जो धान अगेती लगी थी उन खेतों में पहले शुरुआत हुई उसक बाद दूसरे खेतों में फैल गई। इस मौक़े पर डा० ईश्वर कुमार, ए.डी.ओ, डा० सचिन पवार, बीटीएम, चीका, गगनदीप, कृषि सुपरवाइजर के साथ किसान कर्म सिंह, मलकित, मिता, महल सिंह और प्रताप सिंह आदि काफी किसान मौके पर मौजूद रहे।