नगर पालिका की दीवार कूदकर घुसे चोर
बाहर नगरपालिका की सील और दीवार फांदकर प्रतिष्ठन के अंदर घुसे दो कर्मचारी सील की पालना न करने पर उठे सवाल
नपा अधिकारी और पुलिस भी कार्रवाई करने से काट रही कन्नी ।
गुहला चीका /गुरदेव जोसन/दैनिक अम्रत धारा/22 जुलाई
चीका- गुहला नगर पालिका क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित एक व्यापारिक प्रतिष्ठान को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया है। नगर पालिका सचिव जितेंद्र शर्मा ने जानकारी दी कि संबंधित व्यक्ति ने इस स्थल पर व्यापार शुरू करने से पहले न तो आवश्यक सीएलयू (चेंज ऑफ लैंड यूज़) की अनुमति ली थी, और न ही प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र सहित अन्य जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए थे। इस कारण यह कार्यवाही नगर पालिका अधिनियम 1973 के तहत की गई।
शिकायतकर्ता राजपाल ने इस अवैध गतिविधि की लिखित शिकायत नगर पालिका चीका को दी, जिसके बाद संबंधित प्रतिष्ठान को सील कर दिया गया। नगर पालिका की टीम ने मौके पर जाकर प्रतिष्ठान को सील कर वहां एक स्पष्ट चेतावनी नोटिस भी चिपकाया। इसमें आम जनता को सूचित किया गया कि यह प्रतिष्ठान अवैध है और इसे नियमों के उल्लंघन के चलते सील किया गया है, ताकि कोई भी व्यक्ति इस बात से गुमराह न हो।
लेकिन इस कार्रवाई के मात्र चार दिन बाद ही प्रतिष्ठान के मालिक विकास कुमार द्वारा खुलेआम नियमों की अवहेलना करते हुए दो व्यक्तियों को सील किए गए प्रतिष्ठान में घुसा दिया गया। बताया गया कि इन व्यक्तियों को प्रतिष्ठान की दीवार फांदकर अंदर भेजा गया, जहां पर सोल्टेक्स मशीनरी चालू कर दी गई थी। जब आसपास के लोगों ने मशीनों की आवाज और उड़ती धूल देखी, तो उन्होंने तत्काल इसकी सूचना शिकायतकर्ता राजपाल को दी।
इस पूरे घटनाक्रम से नगर पालिका प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठते हैं। एक ओर जहां अवैध प्रतिष्ठान को सील कर दिया गया, वहीं दूसरी ओर उसकी अवहेलना के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। इससे न केवल कानून व्यवस्था की अवहेलना हो रही है, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगते हैं। यदि संबंधित अधिकारी समय पर प्रतिक्रिया नहीं देंगे, तो भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति की संभावना और अधिक बढ़ जाती है।
राजपाल मौके पर पहुंचे तो देखा कि गोदाम के अंदर दो व्यक्ति गुस्से थे। पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्हें मालिक विकास कुमार ने दो दिन पहले ही अंदर भेजा था। इसके तुरंत बाद राजपाल ने की सूचना पुलिस सहायता के लिए डायल 112 पर कॉल किया और नगर पालिका सचिव को भी बार-बार फोन लगाया, लेकिन सचिव ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद उन्होंने नगर पालिका के जेई (जूनियर इंजीनियर) खुशीराम को फोन पर सूचना दी, लेकिन उन्होंने भी मौके पर पहुंचकर कार्रवाई से साफ इनकार कर दिया।
वर्जन
मौके पर पहुंचे नगरपालिका के जे.ई. खुशी राम ने मौके पर पहुंच कर किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने में असमर्थता जताई, जबकि जो यूनिट नगरपालिका द्वारा सील किया जा चुका है, उसमें कोई भी हरकत होती है तो वह सरासर आदेशों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि मौके पर डायल-"112 भी बुलाई गई, लेकिन कोई शिकायत दर्ज न करवाना दर्शाता है कि नगरपालिका अधिकारी संबंधित यूनिट मालिक से मिले हुए हैं।
मामले की शिकायत पुलिस या ड्यूटी मजिस्ट्रेट से करें
जब इस विषय में नगर पालिका सचिव जितेंद्र शर्मा से कार्यालय में जाकर बात की गई, तो उन्होंने भी कहा कि इस मामले में अब नगर पालिका कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। कार्यबाही न कर देना सुरु कर दिया सुझाव दिया कि इस मामले की शिकायत पुलिस या ड्यूटी मजिस्ट्रेट से करे।
पुलिस भी असमर्थ
डायल 112 से मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने भी असमर्थता जताई और कहा कि अगर नगर पालिका उन्हें निर्देश देगी, तभी वे कोई कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने साफ कहा कि यह उनका अधिकार क्षेत्र नहीं है।
पूरे घटनाक्रम की वीडियो बनाकर एसडीम परमेश सिंह को व्हाट्सएप कर जानकारी दी गई सचिन नगर पालिका जितेंद्र कुमार को भी वीडियो के माध्यम से जानकारी दी।
शिकायतकर्ता राज्पाल ने प्रतिष्ठा के मालिक विकास कुमार पर कुछ साल पहले भी धान घोटाला के आरोप लगाए हैं राजपाल ने बताया की विकास राइस मिल के नाम से एक प्रतिष्ठान चलाता था जिसमें दोषी विकास कुमार ने अनाज मंडी चीका के 80 से 85 आढ़तियों के नाम फर्जी बिल काटकर 9 से 10 करोड रुपए का धान घोटाला कर सरकार को चूना लगाया था जिसका पूरा भुगतान मंडी के आढ़तियों द्वारा करना पड़ा था और जेल की हवा भी खानी पड़ी थी।
बताया जा रहा है कि विकास कुमार के द्वारा अलग-अलग तीन फर्म बनाई हुई हैं और अलग-अलग जीएसटी नंबर लिए हुए हैं।
गुहला चीका सील किए गए गेट के अंदर मौजूद कर्मी बात करते हुए
गुहला चीका मौके का निरीक्षण करते हुए जे.ई. खुशी राम