कुछ लोगों के कृत्य के आधार पर पूरे समुदाय को दोषी न ठहराया जाए : मौलाना
कुछ लोगों के कृत्य के आधार पर पूरे समुदाय को दोषी न ठहराया जाए : मौलाना

आतंकवादियों को भारतीय मिट्टी पर दफनाने का हक नहीं : मौलाना सईदूर रहमान
पहलगाम हमले पर जताया रोष, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की अपील
कैथल (कृष्ण प्रजापति): गत 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक घायल हुए। इस क्रूर हमले की कड़ी निंदा करते हुए जमियत उलेमा ए हिंद के कैथल जिला अध्यक्ष मौलाना सईदूर रहमान ने इसे न केवल अमानवीय, बल्कि इस्लाम धर्म के मूल सिद्धांतों का सीधा अपमान बताया।
मौलाना ने कहा कि सैन्य वर्दी में आए आतंकवादियों ने हिंदू पर्यटकों को उनके धर्म की पहचान करने के बाद निशाना बनाया, जो न सिर्फ़ एक जघन्य अपराध है बल्कि मानवता के खिलाफ भीषण हमला है। उन्होंने कुरान का हवाला देते हुए कहा कि धर्म निर्दोषों की हत्या की इजाजत नहीं देता। जो लोग तुमसे लड़ते हैं उनके खिलाफ लड़ो, लेकिन उल्लंघन मत करो, क्योंकि ईश्वर उल्लंघन करने वालों को पसंद नहीं करता।
उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवादियों का कोई मजहब नहीं होता और न ही इस्लाम में ऐसे हत्यारों के लिए कोई जगह है। उन्होंने कहा कि भारत के 172.2 मिलियन मुसलमान इस देश की आत्मा का हिस्सा हैं, न कि बाहरी। मौलाना ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद कई कश्मीरी मुसलमानों ने अपनी जान जोखिम में डालकर घायलों को बचाया, उन्हें अस्पताल पहुंचाया और यहां तक कि रक्तदान भी किया। उन्होंने यह कहते हुए आतंकियों को "जानवर" करार दिया कि ऐसे हत्यारों को भारतीय धरती पर दफनाने का कोई हक़ नहीं है।
मौलाना ने अपील करते हुए कहा कि कुछ लोगों के कृत्य के आधार पर पूरे समुदाय को दोषी न ठहराया जाए। उन्होंने कहा कि इस्लाम शांति, दया और न्याय का धर्म है। अंत में सईदूर रहमान ने देशवासियों से एकता बनाए रखने, नफ़रत को हराने और यह साबित करने की अपील की है कि भारत की असली ताकत करुणा और सद्भाव में निहित है, न कि किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक विभाजन में।