ईद उल अजहा पर अपनी बुरी आदतों को भी क़ुर्बान करना चाहिए : मौलाना

कहा : नमाज़ किसी भी कीमत पर मस्जिद से बाहर ना पढ़ें मुस्लिम समाज के लोग मदनी मदरसा के संचालक मोहम्मद सईदूर रहमान ने मुस्लिमों से की अपील ईद पर ऐसे जीव की कुबार्नी करने की कोशिश ना करें जो सरकार द्वारा है प्रतिबंधित कैथल (कृष्ण प्रजापति): दैनिक अमृत धारा। मदनी मदरसा के संचालक मौलाना मोहम्मद सईदूर रहमान ने मुस्लिमों से अपील करते हुए कहा है कि सोमवार को ईद-उल-अजहा का त्यौहार है। मुस्लिमों में अल्लाह को राजी करने के लिए कुर्बानी देने की परंपरा है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज के भाई ऐसे जानवर की कुबार्नी करने की कोशिश ना करें जो सरकार द्वारा प्रतिबंधित है या जिससे किसी अन्य धर्म के लोगो को एतराज हो। साथ ही उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुस्लिम समाज के लोग हर संभव प्रयास करेंगे कि वे ईद उल अजहा की नमाज़ किसी भी कीमत पर मस्जिद से बाहर ना पढ़े। नमाज पढ़ने के बाद अपने घरों या सरकार द्वारा चिन्हित जगह पर ही पर ही जहां पर कुबार्नी करने की परमिशन है, वहीं पर उस जानवर की कुबार्नी करें जिस पर कोई पाबंदी सरकार द्वारा नहीं लगाई गई है। मौलाना ने कहा कि कुबार्नी करने के बाद ये ध्यान रखने की आवश्कता है कि जिस जानवर की कुबार्नी दी गई है उसका कोई भी अवशेष सड़क पर, बीच रास्ते या गली में ना डालें ताकि किसी को भी किसी किस्म की कोई दिक्कत पैदा नही होनी चाहिए। सईदूर रहमान ने कहा कि ईद का त्यौहार आपसी प्रेम और भाईचारे का त्यौहार इसलिए कोई भी मुस्लिम भाई ऐसा काम ना करे जिससे हमारे पड़ोसी को एतराज़ हो या किसी भी तरह सामाजिक भाईचारा ख़राब हो। मौलाना ने सभी देशवासियो को ईद की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि ये ईद क़ुर्बानी का दिन है, हम सब को इस दिन अपनी बुरी आदतों को भी क़ुर्बान करना चाहिए।

ईद उल अजहा पर अपनी बुरी आदतों को भी क़ुर्बान करना चाहिए : मौलाना