रेलवे स्टेशन पर छोड़ी बेसहारा गर्भवती महिला को अवस्था फाउंडेशन ने दी नई जिंदगी।

रेलवे स्टेशन पर छोड़ी बेसहारा गर्भवती महिला को अवस्था फाउंडेशन ने  दी नई जिंदगी।
रेलवे स्टेशन पर छोड़ी बेसहारा गर्भवती महिला को अवस्था फाउंडेशन ने  दी नई जिंदगी।

रेलवे स्टेशन पर बेसहारा छोड़ी गई गर्भवती महिला को “अवस्था फाउंडेशन” ने दी नई जिंदगी

ताजेवाला(अंजू प्रवेश कुमारी दैनिक अमृत धारा)

मानवता शर्मसार करने वाली एक घटना में, एक पति ने अपनी 3 माह की गर्भवती, पोलियो ग्रस्त और मानसिक रूप से अस्वस्थ पत्नी को रेलवे स्टेशन पर बेसहारा छोड़ दिया। महिला को अपने घर का पता तक नहीं पता और पति का नाम भी याद नहीं है।

दर्दनाक परिस्थिति में भी, महिला ने हाल ही में बड़े ऑपरेशन के बाद एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया। इस दौरान किसी परिजन ने उसकी सुध नहीं ली।

ऐसे समय में अवस्था फाउंडेशन, ताजेवाला की अध्यक्ष नाज पटेल ने आगे बढ़कर इंसानियत की मिसाल पेश की। फाउंडेशन के सदस्यों ने महिला और उसके नवजात की देखभाल की जिम्मेदारी उठाई। उन्होंने इलाज, भोजन, कपड़े और सुरक्षित आश्रय का इंतज़ाम किया, साथ ही मानसिक व भावनात्मक सहारा भी दिया।

रेलवे स्टेशन पर बेसहारा छोड़ी गई गर्भवती महिला को “अवस्था फाउंडेशन” ने दी नई जिंदगी

कठिन परिस्थितियों में भी महिला ने हाल ही में बड़े ऑपरेशन के बाद एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया। प्रसव के बाद भी कोई परिजन उसकी सुध लेने नहीं आया।

ऐसे समय में अवस्था फाउंडेशन, ताजेवाला के अध्यक्ष नाज पटेल एवं उनके कार्यकर्ता देवदूत बनकर सामने आए। फाउंडेशन के सदस्यों ने महिला और नवजात की जिम्मेदारी उठाई। उन्होंने न केवल इलाज, भोजन, कपड़े और सुरक्षित आश्रय का इंतजाम किया, बल्कि मां-बेटे को मानसिक और भावनात्मक सहारा भी दिया।

अवस्था फाउंडेशन की टीम ने अस्पताल पहुंचकर महिला और बच्चे की देखभाल की, उन्हें गोद में लेकर प्यार जताया और आगे भी संपूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।

इस घटना ने साबित किया कि असली रिश्ते खून से नहीं, बल्कि इंसानियत से बनते हैं। अवस्था फाउंडेशन का यह प्रयास समाज में एक प्रेरणा है कि जरूरतमंद की मदद करना ही सबसे बड़ी सेवा है।