नागरिकता अधिनियम से मुस्लिम की नागरिकता को कोई ख़तरा नहीं : मौलाना

कहा : बहकावे में आकर विरोध करने से बचें समाज के लोग कैथल (कृष्ण प्रजापति): जुम्मे की नमाज़ के बाद मौलाना मोहम्मद सईदूर रहमान, कैथल सदर जमियत उलमा ऐ हिन्द ने बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम-2019 ने मुसलमानों में चिंता पैदा कर दी है और कई ओर से इसके खिलाफ बयान आ रहे हैं। अपनी जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर साफ कहा है कि सीएए नागरिकता देने का कानून है, नागरिकता छीनने का नहीं। गौरतलब है कि सरकार ने एनआरसी लागू करने के बारे में न तो कहा है और न ही अपना इरादा जताया है, इसलिए मुसलमानों को घबराना नहीं चाहिए और न ही कोई अनुचित कदम उठाना चाहिए जिससे बड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं । सीएए हमारे पड़ोसी देशों जैसे अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने में तेजी लाने का कानून है और इससे भारत के मुसलमानों के हितों को कोई नुकसान नहीं होगा। ऐसे में सरकार दूसरे देशों से आये लोगो को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए भारत की नागरिकता देना चाहती है. इस लिहाज से यह सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपने देश के हितों और मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए सीएए का विरोध करने से बचें।सड़कों पर धरना-प्रदर्शन आदि करना शरीयत के नियम और कानून के अनुरूप नहीं है क्योंकि इन कार्यों में नुकसान बहुत है। इसके साथ ही हम सरकार से मांग करते हैं कि वह सीएए को लेकर व्याप्त शंकाओं और चिंताओं का समाधान करे और मीडिया आदि के माध्यम से सच्चाई सामने लाए। उन्होंने मुस्लिम भाईयों से भी अपील करते हुए कहा कि इस मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम रंग देकर इसका राजनीतिकरण ना करें।

नागरिकता अधिनियम से मुस्लिम की नागरिकता को कोई ख़तरा नहीं : मौलाना