सुरों के सरताज मोहम्मद रफी जी की पुन्य तिथि मनाई गई।

सुरों के सरताज मोहम्मद रफी जी की पुन्य तिथि मनाई गई।

सुरों के सरताज मोहम्मद रफ़ी की पुण्यतिथि पर KUK NGO ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

यमुनानगर, 1 अगस्त (अंजू प्रवेश कुमारी, दैनिक अमृत धारा) —

ख़ुशी उन्नति केंद्र (KUK NGO) ने आज सुरों के बेताज बादशाह, स्वर-साम्राज्य के अनमोल मोती, मोहम्मद रफ़ी साहब की पुण्यतिथि को यादगार बना दिया। इस अवसर पर आयोजित विशेष श्रद्धांजलि समारोह में संगीत, नृत्य और भावनाओं का अद्भुत संगम देखने को मिला।

कार्यक्रम का शुभारंभ बच्चों द्वारा तैयार की गई रंगारंग नृत्य प्रस्तुतियों से हुआ। बच्चों की ऊर्जा, तालमेल और भाव-भंगिमा ने उपस्थित दर्शकों के दिलों को छू लिया। जैसे ही मंच पर रफ़ी साहब के अमर गीत गूँजे, माहौल में एक अलग ही जादू बिखर गया। NGO के सदस्यों ने भी स्वर-साधना के माध्यम से रफ़ी साहब को नमन किया। उनके मधुर गीतों की धुनों ने हर श्रोता को बीते सुनहरे दौर की याद दिला दी।

विशेष अतिथियों का स्वागत बच्चों ने फूल-मालाओं और तालियों की गड़गड़ाहट के साथ किया। यह दृश्य अपने आप में प्रेम, सम्मान और अपनत्व का अनूठा प्रतीक था। हॉल में मौजूद हर व्यक्ति के चेहरे पर खुशी और गर्व झलक रहा था।

कार्यक्रम में उपस्थित NGO सदस्यों ने कहा, "संगीत और नृत्य केवल मनोरंजन के साधन नहीं हैं, बल्कि ये मन को हल्का करने, आत्मा को छूने और समाज को एक सूत्र में बाँधने का माध्यम भी हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि रफ़ी साहब का जीवन और उनकी रचनाएँ आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

शाम का समापन एक अद्भुत सामूहिक प्रस्तुति के साथ हुआ, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने रफ़ी साहब के अमर गीतों को मिलकर गुनगुनाया। यह पल इतना आत्मीय और भावपूर्ण था कि हर किसी की आँखों में चमक और दिल में रफ़ी साहब के प्रति अपार श्रद्धा दिखाई दी।

इस तरह, KUK NGO का यह आयोजन न केवल एक श्रद्धांजलि समारोह था, बल्कि यह एक सांस्कृतिक संध्या थी जिसने संगीत के माध्यम से प्रेम, एकता और मानवीय मूल्यों का संदेश दिया।